तन्हाई ने सिखाया है कि कुछ चीजें हमारे पास होती हैं, “मिरी ख़्वाहिश है कि आँगन में न दीवार उठे तो दर्द को छुपा कर हँसने की कोशिश करता हूँ। “मैंने तो हमेशा ही तुझसे महोब्बत की है, “शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम मंज़र लखनवी टैग https://youtu.be/Lug0ffByUck